राजस्थान में देर रात भाजपा की बैठक
भाजपा के मुख्य जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान विधानसभा चुनाव की रणनीति पर गहरी चर्चा की रात के अंधेरे में। इस अहम बैठक का आयोजन शुक्रवार रात को जयपुर के एक होटल में किया गया और इसमें पार्टी के विधायक चुनाव की रणनीति को तय करने का मकसद था। बैठक शुक्रवार शाम को जयपुर के एक होटल में आयोजित हुई और दो बजे रात करीब खत्म हुई, पार्टी के स्रोतों ने बताया।
भाजपा के स्रोतों के अनुसार, पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि कठिन सीटों पर केंद्रीय मंत्रीगण और सांसदों को उम्मीदवार बनाया जाएगा। इसके अलावा, भाजपा के स्रोतों के मुताबिक, पोल-बाउंड मध्य प्रदेश के चुनावों के लिए पार्टी ने अपने दूसरे उम्मीदवारों की सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों के नामों का ऐलान किया है।
भाजपा के राजस्थान इकाई के स्रोतों के अनुसार, यह बैठक में पार्टी की नेतृत्व ने प्रचार के दौरान राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत न करने का निर्णय भी लिया है, बल्कि एक संयुक्त नेतृत्व दृष्टिकोण को अपनाने का फैसला किया है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय नेताओं की महत्वाकांक्षाओं और टकरावों को नियंत्रित करना है, और “व्यक्ति के परे पार्टी” के मूलमंत्र को मजबूत करना है।
अधिकारी स्रोतों के अनुसार, भाजपा की जीत के मामले में अगर भाजपा विधानसभा चुनाव में विजयी होती है, तो राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद के लिए कुछ नेताओं को देखा जा सकता है, जैसे कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य सभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और लोकसभा सांसदों दिया कुमार और सुखवीर सिंह जौनपुरिया।
यह रही एक बड़ी बदलाव की खबर – वसुंधरा राजे, जिन्होंने दो बार की मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है और जो सिंधिया राजवंश के सदस्य हैं, उन्हें मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार के रूप में प्रक्षिप्त नहीं किया गया है, हालांकि वह राज्य में भाजपा की सबसे ऊँची और प्रभावशाली नेता के रूप में मानी जाती हैं।
इस बैठक का महत्वपूर्ण कदम व्यक्ति के परे पार्टी के सिद्धांत को मजबूत करने की दिशा में है, और यह दिखाता है कि भाजपा चुनावी युद्ध में किस तरह के संगठन की ओर बढ़ रही है, जो आगामी चुनावों में राजस्थान में एक मजबूत प्रदर्शन करने का प्रयास कर रही है।
इस बैठक के बाद, राजस्थान चुनावों में भाजपा की रणनीति और उम्मीदवारों का चयन सुझाव और सभी दलों के बीच जोड़ी जाएगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया में जोड़ीदारी का संकेत मिलता है।
आखिरकार, यह बैठक एक बड़ा संकेत है कि भाजपा राजस्थान में आगामी चुनावों के लिए तैयार है और पार्टी ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो प्रदर्शन की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
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