राजस्थान सरकार की योजनाओं को पुनर्निर्मित करें: अशोक गहलोत की सरकार के प्रति सलाह
“राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को राज्य में उनकी सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाओं को पूरे भारत में अनुकरण करना चाहिए। उन्होंने इस बारे में अपने भाषण में व्यक्त किया जब वह दीदवाना में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, “हमारी सरकार अच्छी प्रशासनिक सेवा प्रदान करने का प्रयास कर रही है। हम शिक्षा में पहले हैं। हम IT क्षेत्र में आगे हैं। कई IITs, IIMs और कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं, और राजस्थान में लगभग 96 विश्वविद्यालय हैं। हमने अंग्रेजी मीडियम के स्कूल खोले हैं, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम था।”
उन्होंने और जोड़ा, “हमने पास की गई कानूनें को अन्य राज्यों में भी लागू करने के लिए प्रयासरत हैं। हाल ही में हमने पास किया गया पुरानी पेंशन योजना (OPS), जिसका मकसद लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना था। हमारे द्वारा पास किया गया स्वास्थ्य का अधिकार भारत भर में चर्चा का विषय बन चुका है, और हम केंद्र से यह मांग करते हैं कि राजस्थान की योजनाओं को एक मॉडल के रूप में देशभर में लागू किया जाए।”
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस पुनः सत्ता में आती है तो वे जरूरत पड़ने पर राज्य में और अधिक जिले बनाएंगे ताकि जनता को सुविधा मिले।
2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव की उम्मीद है कि ये इस साल दिसंबर के बीच या इससे पहले होंगे। कांग्रेस पार्टी राजस्थान विधानसभा में बहुमत रखती है, जिसमें 200 सीटें हैं, और इसके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं, जो राज्य सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव दिसंबर 2018 में हुए थे, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 100 सीटों के साथ सिंगल-लार्जेस्ट पार्टी के रूप में सामने आई, लेकिन बहुमत की सीट से 1 सीट की कमी आई थी। हालांकि कांग्रेस ने बाद में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके राज्य सरकार बनाई थी।”
मुख्यमंत्री गहलोत की आलोचना का आधार मुख्य रूप से राज्य की प्रशासनिक और शिक्षा सेक्टर में की गई सफलता पर है, जिसमें उनकी सरकार द्वारा शिक्षा में महत्वपूर्ण सुधार की गई है और उन्होंने राजस्थान को IT क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। उन्होंने यह भी उजागर किया कि उनकी सरकार द्वारा पास किए गए कानून और योजनाएँ अन्य राज्यों में भी लागू हो रही हैं और उन्होंने केंद्र सरकार से इन योजनाओं को पूरे देश में लागू करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री गहलोत के द्वारा किए गए इस बयान से स्पष्ट होता है कि उनकी सरकार का लक्ष्य है राजस्थान के विकास को देश के साथ मिलकर बढ़ाना और सामाजिक और आर्थिक न्याय को पूरे देश में पहुँचाना। वे चाहते हैं कि राजस्थान के मॉडल को देश के लिए एक आदर्श के रूप में देखा जाए और उनकी योजनाएँ देश के हर हिस्से में लागू की जाएं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी पुनः सत्ता में आती है, तो वे राज्य की सुविधा के लिए जरूरत पड़ने पर और अधिक जिले बनाने का विचार करेंगे।
2023 में आयोजित होने की उम्मीद है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव का माहौल तैयार हो और यह महत्वपूर्ण चुनाव देश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकते हैं। वर्तमान में, कांग्रेस पार्टी राजस्थान विधानसभा में बहुमत रखती है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार की नेतृत्व कर रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में आये जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सिर्फ 100 सीटों पर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई, जो केवल 1 सीट की कमी के साथ बहुमत नहीं पा सकी। तालाबंदी राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया, जिसके नेता कांग्रेसी अशोक गहलोत बने।”
मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाओं के माध्यम से राजस्थान को शिक्षा, प्रौद्योगिकी, और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में मजबूत बनाने का प्रयास एक सफल कदम है, और उन्होंने यह साबित किया है कि वे देश के विकास में भी योगदान करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार द्वारा लागू की जा रही योजनाओं को बढ़ावा देने से भारत के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और देश के लोगों को और बेहतर सेवाएँ मिलेंगी।
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